लेखनी प्रतियोगिता -25-Jun-2022 बनाओ जिंदगी को बिंदास
रचीयता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-बनाओ जिंदगी को बिंदास
मृत्यु हो जाती जब हमारी
पहचान रह जाती सिर्फ बॉडी
सब यही नाम से हमें पुकारते
सब बॉडी कहकर पुकारते
कोई नहीं पुकारता नाम हमारा
तुम निर्मती ना बनो
निर्माता को करो प्रभावित
तभी जी पाओगे जीवन
जीवन में जब आती है चुनौतियां
डटकर करो उनका मुकाबला
तभी होगा परिस्थितियों का सामना
अपनी पसंद की चीजों पर ना रोको मन
जी भर के करो तुम अपने लिए खर्च
मरने के बाद शमशान होगा अपना घर
जहां मिले हंसने का अवसर
खुलकर हंसो ना गवाओ तुम समय
खुशी को महसूस करो हर जगह
मृत्यु नहीं होती जिंदगी की हार
जिंदा होकर छोड़ दे जीना
जिंदगी बन जाती है जिंदा लाश
उत्पन्न करो जिंदगी में जीने की आस
हर पल खुशी से जीये वही होती है जिंदगी
जीवन जीने के लिए अनमोल है जिंदगी
हर पल, हर काम में महसूस करो तुम खुशी
अगर नहीं दोस्तों का साथ
अकेला ही खुश हूं
आज हो गया कोई नाराज
उसके अंदाज से रहो खुश
देख नहीं सकते जिस को
रहो उसकी आवाज में खुश
पा नहीं सकते जिसको
उसकी यादों में रहो खुश
बीती याद को ना दोहरायो
आज की मीठी याद को तुम अपनाओ
जिंदगी को अपना अंदाज सिखाओ
बनो तुम जिंदा दिल
अपनाओ तुम सादगी
हर पल रहो खुश मिजाज
जीवन रहेगा हमेशा बिंदास
Gunjan Kamal
26-Jun-2022 02:32 PM
बहुत खूब
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Abhinav ji
26-Jun-2022 08:49 AM
Nice👍
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Swati chourasia
26-Jun-2022 08:45 AM
बहुत ही सुंदर रचना 👌
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